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लेखनी प्रतियोगिता -15-Mar-2022बाबुल

मै अपने पापा की परी हूँ

मै नील गगन से उतरी हूँ
जग मुझे पराया धन कहता है।
पापा के घर को पराया घर कहता है।।
मैने जहाँ जन्म लिया है वह घर अपना है।
जहाँ मैने चलना सीखा वह मेरा सपना है।।
मै अपने बाबुल की हूं बाबुल मेरा है।
मै बाबुल का ख्वाब हूँ वह सपना मेरा है।।
मम्मी मेरी शादी करने  को कहती है।
बेटी स्यानी होगयी यह कहती है।।
मै शादी नहीं करूँगी।
बाबुल के साथ रहूँगी।।





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9 Comments

Shrishti pandey

16-Mar-2022 07:44 PM

Nice

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Abhinav ji

16-Mar-2022 10:42 AM

Very nice

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Punam verma

16-Mar-2022 08:57 AM

Very nice

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